पत्रपिण्ड स्वेदन:- इस विधि में औषधियों के पत्तों एवं औषधियों के चूर्ण को पकाकर उसकी पोटली बनाकर उसी पोटली को औषधि तैल में गर्म करके जो सिकाई की जाती है। उसे पत्रपिण्डस्वेद कहा जाता है। योग्य:- कटिगतवात (Lumber, Spondylosis) मन्यास्तम्भ (Cevical Spondylosis), गठिया आदि न्यूरो स्पाईन की सफल चिकित्सा। समय - 08 दिन, 16 दिन, 30 दिन 1 घण्टे से 01:30 घण्टे तक प्रतिदिन